सकारात्मक सोच एक ऐसी शक्तिशाली मानसिकता है, जो हमारे जीवन को बहुत प्रभावित कर सकती है, हमारी भावना, क्रिया, और सुखी जीवन जीने की क्षमता में सुधार कर सकती है। मनुष्य का मन एक ऐसा शक्तिशाली और रहस्यमय यंत्र है जो उसके जीवन को सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में मोड़ सकता है। सकारात्मक सोच में रहकर हम अपने जीवन को सुंदर और समृद्धि भरा बना सकते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि सकारात्मक विचार और सकारात्मक सोच को कैसे अपना सकते हैं और इसे बनाए रखने के लिए कौन-कौन सी आदतें अपनानी होगी।
मनोबल बढ़ाने के लिए सकारात्मक सोच का महत्व
सकारात्मकता का महत्व हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है, बल्कि यह हमारे सभी प्रकार के व्यवहार और परिप्रेक्ष्य (Perspective) को भी आकार देता है। जब हम सकारात्मक विचारों को अपनाते हैं, तो हमारे दिमाग में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो हमारे सभी भावनात्मक संतुलन में सुधार करता है। यह सकारात्मकता हमें मानसिक तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करने में मदद करती है, जिससे हम अधिक खुश और संतुष्ट महसूस करते हैं।
सकारात्मक सोच की शक्ती | The power of positive thinking
- सकारात्मक विचार जीवन की चुनौतियों को एक नए दृष्टिकोण से देखने की क्षमताओं को विकसित करती है। यह हमें समस्याओं में अवसर देखने के लिए प्रेरित करती है।
- जब हम सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, तो हम अपने अंदर एक आशा और आत्मविश्वास का संचार करते हैं, जो हमें अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इसका परिणाम, हम अधिक कुशलता से समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। सकारात्मक विचार अपनाने से हमें कठिनाइयों का सामना करने में अधिक साहस और ऊर्जा मिलती है।
- सकारात्मकता का हमें प्रतिदिन के जीवन में भी अनुभव होता है। जैसे-जैसे हम अपने चारों ओर सकारात्मकता फैलाते हैं, हम अपने मित्रों, परिवार और सहकर्मियों पर भी इसका प्रभाव डालते हैं।
- सकारात्मक विचार फैलाना न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह समग्र रूप से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और जीवन के प्रति हमारे दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाता है।
इस प्रकार, सकारात्मक विचार और सोच को अपनाना हमें एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन का अनुभव करने में सहायता करता है।
नकारात्मक विचार | Negative Thoughts
जिस तरह से हमारी सोच का विकास होता है, वह हमारे जीवन की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव डालता है। नकारात्मक सोच, या जिसे हम “नोंचने वाली नेगेटिव सोच” कह सकते हैं, व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य और पूरे व्यक्तित्व पर विपरीत प्रभाव डालती है। यह एक विनाशकारी चक्र की तरह है, जिसमें निरंतर चिंता, अयोग्यता और कम आत्म-सम्मान का अनुभव होता है।
नकारात्मक सोच के लक्षण
नकारात्मक विचारों की पहचान करना आवश्यक है, क्योंकि ये अक्सर विचार प्रक्रियाओं के प्रारंभिक चरण में ही उत्पन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, जब हम किसी स्थिति में असफल होते हैं, तो हम अपने आत्म-प्रतिबिंब में नकारात्मकता को महसूस करते हैं, जो हमारे आत्म-विश्वास को कम कर सकता है। ये विचार हमारे दिमाग़ में एक तरह का नकारात्मक फीडबैक लूप उत्पन्न करते हैं, जिससे हम अपनी क्षमताओं पर सवाल उठाने लगते हैं।
नकारात्मक सोच का नुकसान
नकारात्मक सोच हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। जब हमारा दिमाग नकारात्मक विचारों से भरा होता है, तो हमारा शरीर भी तनाव महसूस करता है, जिससे हृदय की बीमारियों, अवसाद, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ता है। यह स्पष्ट है कि नकारात्मकता न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
इस प्रकार, यह समझना आवश्यक है कि नकारात्मक विचारों का प्रभाव हमारे जीवन के कई पहलुओं पर पड़ता है। जब हम जानबूझकर इन विचारों को पहचाने और उनका सामना करने का प्रयास करते हैं, तो हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। सकारात्मकता की ओर पहला कदम नकारात्मकता को पहचानना और उसे चुनौती देना है।
सकारात्मक सोच कैसे विकसित करें
आत्म-स्वीकृति करना
सकारात्मक सोच का पहला कदम है आत्म-स्वीकृति। अगर हम अपने आप को स्वीकार नहीं कर सकते, तो हम अच्छे से सोचने में सक्षम नहीं हो सकते। आत्म-स्वीकृति के माध्यम से हम अपनी गुणधर्मों को स्वीकार करते हैं और खुद को महत्वपूर्ण मानते हैं। इससे हमारी सोच में सकारात्मकता आती है और हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सक्षम होते हैं।
नियमित ध्यान द्वारा सकारात्मक सोच का विकास
नियमित ध्यान करने की आदत भी सकारात्मक सोच विकसित करने में सहायक होती है। ध्यान की प्रक्रिया के दौरान, आप अपने विचारों और भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे आप मानसिक स्पष्टता प्राप्त करते हैं। नियमित ध्यान से तनाव घटता है और मस्तिष्क की सकारात्मकता को बढ़ावा मिलता है। जब आप खुद को शांत और केंद्रित पाते हैं, तो आपकी सोच में सकारात्मकता स्वतः विकसित होने लगती है।
सकारात्मक सोच की पुष्टि करना
सकारात्मक सोच की पुष्टि करना भी एक अन्य महत्वपूर्ण विधि है। यह एक ऐसा अभ्यास है जिसमें आप अपने सकारात्मक गुणों और क्षमताओं के बारे में सकारात्मक वाक्यांशों को नियमित रूप से दोहराते हैं। उदाहरण के लिए, “मैं सक्षम हूँ” या “मैं अपनी चुनौतियों का सामना कर सकता हूँ” जैसे वाक्यांशों का उपयोग करके, आप अपने मानसिक दृष्टिकोण को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। सकारात्मक अफर्मेशन्स का अभ्यास करना हमें सकारात्मक मानसिकता में रखता है। हर दिन कुछ सकारात्मक मंत्रों को बोलना हमें उत्साही बनाए रखता है।
सकारात्मक जर्नल लिखना
सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए कई प्रभावी तकनीकें और सुझाव हैं, जो दैनिक जीवन में लागू की जा सकती हैं। इनमें से एक प्रमुख तकनीक है दैनिक सकारात्मक जर्नल लिखना। जब आप प्रतिदिन अपने जीवन की छोटी-छोटी सकारात्मक घटनाओं को लिखते हैं, तो यह आपको न केवल अच्छा महसूस कराता है, बल्कि आपके मस्तिष्क में सकारात्मकता की भावना को भी बढ़ाता है। यह एक साधारण अभ्यास है जो अत्यधिक कार्यात्मक हो सकता है।
इन तकनीकों का उपयोग न केवल सकारात्मक सोच को विकसित करने में सहायक है, बल्कि यह आपके समग्र मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सकारात्मक वातावरण का निर्माण
सकारात्मक वातावरण का निर्माण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो न केवल हमारे मनोबल को बढ़ाती है, बल्कि हमारे विचारों को भी सकारात्मक दिशा में विकसित करती है। जब हम अपने चारों ओर सकारात्मकता से भरा माहौल बनाते हैं, तो यह हमारे विचारों और भावनाओं पर सीधा प्रभाव डालता है।
- पहले कदम के रूप में, अपने आस-पास के स्थान को स्वच्छ और व्यवस्थित रखना अत्यंत आवश्यक है। एक साफ-सुथरा स्थान हमें मानसिक शांति देता करता है और हमें सोचने में मदद करता है।
- अपने द्वारा चुने गए लोगों का प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है। सकारात्मक और उत्साही व्यक्तियों के साथ समय बिताना हमें प्रेरित करता है और हमारी सोच को सकारात्मक बनाता है। इस तरह के संबंध न केवल ऊर्जा को बढ़ाते हैं, बल्कि हमारी सोच में भी सकारात्मक बदलाव लाते हैं। जब हम ऐसे लोगों के साथ होते हैं, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, तो यह हमारी मानसिकता को मजबूत बनाता है।
- सकारात्मक वातावरण में, आप अपने चारों ओर सकारात्मक प्रेरणाएँ भी जोड़ सकते हैं। जैसे, प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ना, सकारात्मक उद्धरणों (Quote) को देखने के लिए दीवारों को सजाना, या सकारात्मक संगीत सुनना। ये सभी चीजें हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक विचार बने रहने में मदत करती हैं।
- प्राकृतिक वातावरण जैसे पार्क या उद्यान में समय बिताना भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। वहाँ की ताजगी और शांति हमारे विचारों को नये दृष्टिकोण से देखने में मदद करती है।
अंततः, सकारात्मक वातावरण का निर्माण एक निरंतर प्रक्रिया है। यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को स्पष्ट रूप से प्रभावित करता है और सकारात्मक विचारों की बुनियाद तैयार करता है। इस दिशा में उठाए गए छोटे-छोटे कदम धीरे-धीरे बड़े बदलाव ला सकते हैं।
सकारात्मकता के लिए दिनचर्या
हमेशा सकारात्मक रहने के लिए एक सकारात्मक दिनचर्या बनाना व्यक्ति के जीवन में स्थायी सकारात्मकता को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उपाय है।
सुबह की अच्छी शुरुआत
सुबह की अच्छी शुरुआत इस प्रक्रिया की पहली कुंजी है। जागने के बाद, एक संतुलित और स्वस्थ नाश्ता करने से न केवल ऊर्जा मिलती है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। सुबह की थोड़ी सी शांति या ध्यान से दिन की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाता है। यह ध्यान आपको मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक सोच में मदद करता है।
निरंतर सीखने की आदत
निरंतर सीखने की प्रक्रिया से सकारात्मकता को और भी बढ़ावा मिलता है। नए कौशल या ज्ञान को प्राप्त करना न केवल आत्म-सम्मान को बढ़ाता है, बल्कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी उत्तेजित करता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप सीखने को एक नियमित दिनचर्या में शामिल करें, चाहे वह पढ़ाई हो, ऑनलाइन कोर्स या नए शौक की पहचान। जब आप अपने मर्यादा को विस्तारित करते हैं, तो आपके अंदर विश्वास और आत्म-प्रेरणा का स्तर बढ़ता है, जो आपको और अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
नियमित व्यायाम
नियमित व्यायाम करना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शारीरिक गतिविधि, जैसे कि योग, दौड़ना या व्यायाम करना, आपके शरीर में एंडॉर्फिन का उत्पादन बढ़ाता है, जो आपको खुशी का एहसास दिलाता है। दिनचर्या में व्यायाम जोड़ने से न केवल आपके शरीर की शक्ति बढ़ती है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और सकारात्मकता में भी वृद्धि होती है।
इस प्रकार, सुबह की अच्छी शुरुआत, निरंतर सीखने की आदत, और नियमित व्यायाम मिलकर एक ऐसी सकारात्मक दिनचर्या बनाते हैं, जो सम्पूर्ण जीवन को और अधिक खुशहाल बना सकती है।
सकारात्मक संबंध कैसे बनाये
सकारात्मक संबंध हमारा मानसिक स्वास्थ्य और हम सबके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- जब हम सकारात्मक और सहयोगी लोगों के साथ अपना समय बिताते हैं, तो यह न केवल हमारी मानसिकता को प्रभावित करता है, बल्कि यह हमारी खुशी और संतोष को भी बढ़ाता है। ऐसे लोगों की संगति में रहने से हमें न केवल मानसिक सुरक्षा का अनुभव होता है, बल्कि नकारात्मक सोच को भी दूर करने में मदद मिलती है।
- सकारात्मक रिश्तों की बनाए रखने के लिए ईमानदारी और आपसी सम्मान का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब हम अपने विचार और भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं, तब यह संबंध को और मजबूत बनाता है।
- साथी, सहयोगी लोगों का सहयोग और उनकी सकारात्मक ऊर्जा भी हमारे विकास में सहायक होती है। एक सकारात्मक वातावरण में हम खुलकर अपने विचार साझा कर सकते हैं, जिससे हम ख़ुश रहकर अपने लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ते हैं।
- आपसी विश्वास और समर्थन एक सकारात्मक रिश्ते का आधार बनाते हैं। जब हम किसी समस्या का सामना करते हैं, तो ऐसे दोस्तों या परिवार के सदस्यों के पास जाना चाहिए जो हमें सकारात्मकता से भर दें। यह मात्र एक बातचीत हो सकती है या साझा अनुभव, जो हमें मोटिवेट कर सकता है। साथ ही, सकारात्मक रिश्ते हमें स्वयं पर भरोसा करने की शक्ति देते हैं और संदिग्ध स्थिति में हमें शांत रहने की प्रेरणा देते हैं।
अंत में, सकारात्मक संबंधों का निर्माण मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, नकारात्मक सोच को मात देने और जीवन में संतोष लाने में सहायक है। ऐसे सकारात्मक व्यक्तियों के रिश्तों का पोषण करना न केवल हमें खुशी की अनुभूति कराता है, बल्कि यह हमारे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की संभावनाओं को भी बढ़ाता है।
आभार व्यक्त करने का महत्व
आभार व्यक्त करने का महत्व हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह केवल एक सामाजिक प्रथा नहीं है, बल्कि यह हमारी मानसिकता और विचारधारा को सकारात्मक दिशा में ले जाने का एक प्रभावी साधन है।
- जब हम आभार व्यक्त करते हैं, तो हम हमारे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, उसे पहचानते हैं और इसके लिए हमारी दृष्टि सकारात्मक होती है। यह साधारण क्रिया हमें अपने जीवन में सकारात्मकता को प्रेरित करती है और हमें संतोष का अनुभव कराती है।
- आभार व्यक्त करने से आनुवंशिक रूप से हमारी सोच में सुधार होता है। वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह दर्शाया है कि आभार व्यक्त करने से हमारा मस्तिष्क सकारात्मक भावनाओं को उत्तेजित करता है, जिससे अवसाद और चिंता की स्थितियों में कमी आ सकती है।
- जब हम उन चीजों की सराहना करते हैं जो हमारे पास हैं, तो हम उन सकारात्मक अनुभवों को और अधिक महसूस करते हैं। इससे न केवल हमारी व्यक्तिगत खुशहाली बढ़ती है, बल्कि यह हमारे आस-पास के लोगों के साथ हमारी बातचीत को भी सहज बनाती है।
- आभार व्यक्त करने से हम दूसरों के प्रति सहानुभूति और समझ पैदा करते हैं। जब हम दूसरों की अच्छे कार्यों और योगदानों की सराहना करते हैं, तो यह एक सकारात्मक चक्र का निर्माण करता है। लोग अधिक सहयोगी और दयालु बनते हैं, जो सामाजिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करता है।
- आभार व्यक्त करने का कार्य न केवल हमें सकारात्मकता की ओर प्रेरित करता है, बल्कि यह हमारे परिवेश को भी सकारात्मकता से भर देता है।
इस तरह, आभार केवल एक भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन के सार को बदलने की क्षमता रखता है। सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए आभार व्यक्त करना एक महत्वपूर्ण उपाय है।
सकारात्मक विचारों के लिए प्रेरणा स्रोत
सकारात्मक विचारों को विकसित करने के लिए कई प्रेरणादायक स्रोत उपलब्ध हैं, जो व्यक्ति को मानसिक शक्ति और ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं किताबें, उद्धरण (Quote) और वीडियो। ये संसाधन न केवल ज्ञान का सम्पादन करते हैं, बल्कि आत्म-समर्पण और प्रेरणा का भी एक सशक्त माध्यम हैं।
प्रेरणादायक किताबें (Inspirational books)
प्रेरणादायक किताबें व्यक्ति को सकारात्मकता की ओर अग्रसर करने में सहायक होती हैं। उदाहरण के लिए, ‘द पावर ऑफ नाउ’ एवेन्यूले टॉले की एक ऐसी पुस्तक है, जो मानसिक स्थिति को बदलने और वर्तमान में जीने के महत्व के बारे में बताती है। इस प्रकार की पुस्तकें व्यक्ति में स्वयं की खोज, सकारात्मक ऊर्जा और सफल मानसिकता विकसित करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश देती हैं।
उद्धरण (Quote)
इसके अलावा, उद्धरण (Quote) भी प्रेरणा के एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकते हैं। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और एलेन डि बॉटन जैसे महान विचारक अपने उद्धरणों के माध्यम से जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का संवर्धन करते हैं। “आपकी सोच आपके जीवन को बनाती है” जैसे उद्धरण, हमें अपने विचारों के प्रति सजग रहने और सकारात्मकता की दिशा में बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
प्रेरणादायक वीडियो (Inspirational video)
वीडियो माध्यम भी प्रेरणादायक विचारों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर ‘मोर्गन फ्रीमैन’ और ‘टेड टॉक’ जैसी प्रस्तुतियाँ, पर्सनल डेवलपमेंट के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। ये वीडियो सकारात्मकता को प्राप्त करने की प्रक्रिया को समझने और अपनाने में मदद करते हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपनी सोच में बदलाव ला सकता है।
इन प्रेरणादायक स्रोतों का नियमित उपयोग व्यक्ति को सकारात्मक सोच की ओर ले जा सकता है। जब हम किताबें पढ़ते हैं, उद्धरणों पर ध्यान देते हैं और प्रेरणादायक वीडियो देखते हैं, तो ये सभी हमारे मन में सकारात्मकता का संचार करते हैं और हमें जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण देने में मदद करते हैं।
अवसरों में देखना सकारात्मकता
सकारात्मक विचारों को विकसित करने के लिए, सबसे पहली बात यह है कि हमें हर चुनौती में अवसरों को देखने की आदत डालनी चाहिए। जीवन में जो भी कठिनाइयाँ आती हैं, उनमें अक्सर छिपे हुए अवसर होते हैं जिन्हें पहचानना जरूरी है। जब हम किसी समस्या का सामना करते हैं, तो उसके प्रति हमारी प्रतिक्रिया नकारात्मकता या सकारात्मकता पर निर्भर करती है। यदि हम इस परिवेश को सफलता के अवसर की तरह देखना शुरू करें, तो यह हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
उदाहरण के लिए, यदि हम काम में किसी चुनौती का सामना करते हैं, तो यह हमारे लिए न केवल एक कठिनाई है, बल्कि यह हमें सीखने और विकास का एक नया मौक़ा भी देता है। इसी तरह, व्यक्तिगत जीवन में ही जब हमें निराशा का सामना करना पड़ता है, तो हमें यह समझना चाहिए कि यह भी खुद को बेहतर बनाने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। जब हम इस दृष्टिकोण से सोचते हैं, तो समस्याएँ अवसर में बदलने लगती हैं।
अवसरों की पहचान करने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है मनन और सृजनशीलता। जब हम अपने विचारों को व्यवस्थित करते हैं और उनके इर्द-गिर्द रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो हम सकारात्मकता की एक नई परत को उजागर कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अपनी कमजोरियों पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय, हमें अपनी क्षमताओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह परिवर्तन हमारे दृष्टिकोण को बदल देगा और हमें सकारात्मक सोचने की प्रवृत्ति देगा।
अंत में, हर चुनौती में अवसरों को देखना हमारे मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है। यह हमारे लिए सफल होने के नए रास्ते खोलता है और हमें सशक्त बनाता है ताकि हम जीवन की कठिनाइयों का सामना सकारात्मकता के साथ कर सकें।
अनुसंधान (Research)
इस ब्लॉग में हमने देखा कि सकारात्मक विचार कैसे हमारे मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकती है और हमें जीवन में सफलता की दिशा में ले सकती है। इसे बनाए रखने के लिए हमें ध्यान, प्राणायाम, अफर्मेशन्स, सही आहार, सकारात्मक संबंध, और योजना की आवश्यकता होती है।
मन को सकारात्मक बनाए रखना हमारी आत्मा को संतुलित बनाए रखता है और हमें अधिक ऊर्जा, समर्थन, और सफलता प्रदान करता है। इसलिए, सकारात्मक विचार न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को सुधार सकता है, बल्कि पूरे समाज को भी सकारात्मकता की दिशा में बढ़ने में मदद कर सकता है। इसलिए, हमें नकारात्मकता को दूर भगाकर सकारात्मक विचार को अपनाना चाहिए और अपने जीवन को सफल बनाने के लिए इसे बनाए रखना चाहिए.
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१) सकारात्मक सोच की शक्ति – हिंदी
The Magic Of Thinking Big – English
३) जैसा मनुष्य सोचता है – हिंदी