ध्यान क्या है? ध्यान कैसे किया जाता है? ध्यान कहाँ और कब किया जाता है? ध्यान से क्या – क्या फायदे होते है ? और सफलता के लिए क्या सचमुच ध्यान जरुरी है ? इसके बारे मे “सफलता के लिए ध्यान जरुरी है।-MEDITATION IS NECESSARY FOR SUCCESS” इस ब्लॉक में सविस्तर में जानेंगे।
- प्रस्तावना – PREFACE
- ध्यान क्यों जरुरी है? – WHY IS MEDITATION IMPORTANT?
- ध्यान कहा और कब करे? – WHEN AND WHERE DO YOU MEDITATE?
- सफलता के लिए ध्यान क्यूँ जरुरी है? – WHY IS MEDITATION NECESSARY FOR SUCCESS?
- ध्यान के फायदे क्या है?- WHAT ARE THE BENEFITS OF MEDITATION?
- ध्यान कैसे करे? – HOW TO MEDITATE?
प्रस्तावना – PREFACE
जीवन में सबको सुख – शांति (Peace) चाहिए। इस लिए सभी लोग कठिन परिश्रम करते है। और कठिन परिश्रम करने के बाद भी उन्हें सुख – शांति नहीं मिलाने के कारण मन में एक शंका बनी रहती है। क्या जीवन में सुख – शांति संभव है ? इसका जवाब है , जी हा।
मेरे अनुसार जीवन में सुख – शांति संभव है। और उसके लिए सबसे अच्छा मार्ग रहेगा ,तो वह ध्यान (MEDITATION) का है। जी हा , ये ध्यान ही है ,जो आपके इधर – उधर भटके हुवे मन को स्थिर करता है। आपके मन को वर्तमान (PRESENT) मे लाता है। आपकी मन की शक्ति को और बढ़ता है। जिससे जीवन में सुख – शांति रहने में मदत होती है। इस ध्यान की शक्ति (POWER OF MEDITATION) के बारे मे सविस्तार मे जानेगे।
ध्यान क्यों जरुरी है? – WHY IS MEDITATION IMPORTANT?
बहुत काम करने के बाद हमारे शरीर को जैसे आराम की जरुरत होती है। वैसे ही हमारे मन और दिमाग को आराम करने के लिए ध्यान की जरुरत होती है। उदा. समझो , हम दो – तीन घंटो से चल रहे है। आगे और हमे २०-२५ घंटा चलना है। तो हमारे शरीर को ऊर्जा की जरुरत होगी। तब कुछ खा कर और आराम कर के हम शरीर को ऊर्जा देते है।
उसी तरह हमारा दिमाग हमेशा कुछ ना कुछ सोचते रहता है। जब हम सोते है , तो उसे कुछ आराम मिलता है। लेकिन, वह पर्याप्त नहीं है। आज की भाग-दौड वाली जिन्दगी मे उसे और ऊर्जा की जरुरत है। वह अधिक ऊर्जा हम उसे ध्यान करके दे सकते है। जितना अधिक ध्यान करोगे उतना ही अधिक मन शांत रहेगा। और यह दिमाग अच्छी तरह अपना काम कर सकेगा।
ध्यान कहा और कब करे? – WHEN AND WHERE DO YOU MEDITATE?
सबके मन में सवाल रहता है, ध्यान कहाँ करे? और कब करे ? वैसे तो , इसका कोई विशिष्ट स्थान और विशिष्ट समय नहीं है। ध्यान आप कही भी और कभी भी कर सकते है।लेकिन, आप जहाँ रहते है। उसके आस-पास कही ग्रुप मे ध्यान होता रहेगा, आप वह गए तो बेहतर होगा। क्योकि वहाँ ध्यान करने के लिए सकारात्मक वातावरण होगा। अगर आप के पास समय की कमी है , तो आप कहीं भी और कभी भी ध्यान कर सकते है।
सफलता के लिए ध्यान क्यूँ जरुरी है? – WHY IS MEDITATION NECESSARY FOR SUCCESS?
सफलता के लिए जब हम अपना लक्ष्य तय करते है। तो मन में कई प्रकार के विचार आते है , उन मे से कुछ विचारो के आधार पर हम योजनाए बनाते है। उन योजना पर काम करते है। कभी कोई योजना सफल होती है तो कोई योजना असफल होती है।
इस वजह से तणाव निर्माण होता है। उत्साह कम होता है, मन में अशांति होती है।इस अशांत मन को शांत करने के लिए और योजनाओ को सही तरह से तयार करने के लिए ध्यान बहुत जरुरी है। और ध्यान एक प्रभावशाली मार्ग है।
ध्यान के फायदे क्या है? – WHAT ARE THE BENEFITS OF MEDITATION?
वैयक्तिक जीवन और परिवाहीक जीवन से लेकर बाहरी जीवन तक ध्यान के फायदे ही फायदे है। चाहे आप जीवन के किसी भी स्तर, किसी भी क्षेत्र मे हो ध्यान करने से बहुत फायदे होते है। चलिए जानते है ध्यान से होने वाले फायदे –
- एकाग्रता – CONCENTRATION
नियमित ध्यान करने से हमारी एकाग्रता (CONCENTRATION) बढती है। परिवाहिक जीवन हो या फिर बाहरी जीवन हो , या आप विद्यार्थी (STUDENT) हो किसी भी क्षेत्र में एकाग्रता से काम करने से क्या फायदा है ? यह आप सभी को मालूम है। जो काम एकाग्रता से किया जाता है ,ज्यादातर वह काम सफल होता है।
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वर्तमान मे जीते हो – LIVE PRESENT
दुनिया में बहुतांश लोग अपने भूतकाल (PAST) को सोच – सोच कर जीवन बिताते है। या अपने भविष्य (FUTURE) को सोच – सोच कर जीवन बिताते है। या फिर भुत और भविष्य का सोच कर अपना वर्तमान (PRESENT) जीवन जीते है। जिससे वर्तमान जीवन में आप अपना १०० प्रतिशत नहीं देते। इसलिए वर्तमान में जो जिन्दगी है, उसका मजा नहीं लेते।
आप इसे यह कह सकते है ,ऐसे लोग जिन्दगी ही नहीं जीते। यह लोग हमेशा भूतकाल और भविष्य का सोच – सोच कर तनाव (STRESS) में जीते है। उनके लिए ध्यान (MEDITATION) आशा की किरण है। नियमित ध्यान करने से आप तनाव मुक्त होकर वर्तमान में जीने लगते है। वर्तमान में रहने से काम में आप अपना १०० % देते है। जिससे सफल होने की उम्मीद बढ़ जाती है और आप हमेशा उत्साहित (EXCITED) रहते है।
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तनावमुक्त रहते हो – LIVE STRESS FREE
हमारी रोज की दिनचर्या बहुत व्यस्त होती है , इस भागदौंड वाली जिंदगी से हमारा तनाव बढ़ता है। इस तनाव से चीड़ – चिड़ा हट पैदा होती होती है। जिससे घर में और हमारे मन में अशांति निर्माण होती है। रोज नियमित ध्यान करने से हम इस तनाव को कम कर सकते है। जिससे घर में शांति बनी रहती है। और हमारा मन भी शांत (Peaceful) रहता है और हम तनावमुक्त (STRESS FREE) महसुस करते है।
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आनंद और उत्साह से काम होता है – WORK WITH JOY AND ENTHUSIASM
ध्यान हमारे मन को शांत करता है। जिससे हमारे मन में कीसी भी काम को करने मे उत्साह निर्माण होता है। किसी भी क्षेत्र में हम आनंद और उत्साहपूर्ण काम करते है। किसी भी काम को हम अपना १०० प्रतिशत देते है। जिससे वह काम जितना हो सकता है, उतना अच्छा तरह से होता है।
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निर्णय लेने की क्षमता बढती है – INCREASES DECISION MAKING ABILITY
ध्यान करने की आदत होने से आप तनावमुक्त रहते है। जिससे किसी भी क्षेत्र का काम आप उत्साहपूर्ण और एकाग्रता के साथ करते है। और वर्तमान में रहकर अपना १०० प्रतिशत दे कर करते है। जिससे आपको जीवन में कोई भी फैसला करना है, उस फैसले का हर पहलू को सोच कर ,सही-गलत को ध्यान मे रखकर आप आसानी से फैसले लेते है।
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समस्या को सुलझाने के कौशल – PROBLEM SOLVING SKILL
ऊपर दिए गए सभी बिंदु जैसे किसी भी काम को उत्साह और एकाग्रता से करना ,अपना १०० % देना ,तनावमुक्त रहना ,सही फैसले लेना। इन सभी में आप निपुण होने के कारण समस्या को सुलझाने के कौशल आप मे आ जाता है। जिससे आप बड़ी से बड़ी समस्या का निवारण आसानी से कर देते है।
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परिपूर्ण परिवाहिक जीवन और स्वाथ्य – PERFECT FAMILY LIFE AND HEALTH
जिस तरह से सफलता के लिए लक्ष्य महत्वपूर्ण है। उसी तरह सफलता मे परिवाहिक जीवन और शारीरिक स्वाथ्य भी महत्वपूर्ण है। अगर हम ध्यान से समझे, जीवन को सच मे सफलता पूर्ण बनाना है। तो हमे अपना लक्ष्य ,स्वाथ्य और परिवाहिक जीवन इन तीनो में संतुलन बना के आगे चलना होगा। और यह संतुलन बनाने के लिए ध्यान आपकी मदत करेगा।
ध्यान कैसे करे ? – HOW TO MEDITATE ?
सबसे पहले नियमित रूप से आप ध्यान कम से कम १० मिनिट कीजिए।जैसे ही आपको ध्यान की आदत हो जाए ,तो उसे धीरे – धीरे बढ़ाना है।ध्यान आप जमीन पर बैठकर या खुर्ची पर बैठकर कर सकते है ,लेकिन आपका बैठना आरामदायी होना चाहिए। रीढ़ की हड्डी सीधी रखकर आरामदायी बैठना है। अपनी आँखे बंद करनी है। जिससे आजु – बाजु के वस्तुओ से आपका संपर्ग तूट जाता है।
निर्विचार स्थिती मे बैठकर अपने साँस पर ध्यान देना है। साँस प्राकृतिक रखनी है ,सिर्फ साँस को महसूस करना है। साँस के ऊपर हमे कुछ भी कार्य नहीं करना है, सिर्फ साँस का निरीक्षण करना है। साँस अंदर आ रही है, तो आने देना है। बाहर जा रही है, तो जाने देना है। बाहरी दबाव नहीं डालना है, सिर्फ निरीक्षण करना है।
मन में कुछ भी विचार नहीं करना है, सिर्फ और सिर्फ साँस पर ध्यान देना है। और कुछ नहीं करना। अब यह पढ़ने के बाद आपको आसान लगता रहेगा ,पर वास्तविकता मे भी आसान है। लेकिन उसके लिए आपको समय लगेगा। आपको बस तसल्ली से ध्यान करना है। ध्यान के सुरुवाती दिनो मे आपके मन मे बहुत विचार आएंगे। फिर भी हमे संयम के साथ नियमित रूप से कम से कम १० मिनिट रोज ध्यान करना चाहिए।
जैसे ही आपके मन मे विचार आये ऐसा महसूस होता है , तो शांति से उस विचार को बाजु करके फिर अपनी साँस पर ध्यान देना है। सुरवाती दिनों में आप ध्यान करोगे तो बार – बार ऐसा होगा। क्योंकी आपके मन को एक जगह रहने की आदत नहीं है।
एक दो हफ्ते आप सोचोंगे इसमे कुछ भी फायदा नहीं हो रहा। मै पागल जैसे सिर्फ बैठा हूँ। आपका मन करेगा इसे छोड़ दू। लेकिन यहाँ आपकी असली परीक्षा है। आपको संयम के साथ ध्यान करना है। और नियमित रूप करना है।
कुछ दिनो बाद धीरे – धीरे आपके मन के विचार कम होने लगेंगे। फिर आपका ध्यान सिर्फ साँस पर रहेगा। आप अच्छा महसूस करने लगोगे। इस स्थिती मे कितना समय लगेगा यह सब आपके ध्यान करने के ऊपर निर्भर है। यह स्थिति किसी की महीने मे आ जाती है ,तो किसी को और समय लग जाता है।
इस ब्लॉग मे मैंने जितना हो सके उतना ध्यान के बारे मे जानकारी देने की कोशीश की है। और जानकारी के लिए इंटरनेट में बहुत वीडियो है मोटिवेशन के लिए देख लेना। लेकिन कुछ भी हो, समय निकाल के रोज ध्यान जरूर करना। आपके जीवन मे इसका फायदा जरूर होगा।
अब बात करते है अगले ब्लॉग के बारे मे, सफलता के लिए समय का महत्त्व सबको मालूम है। लेकिन फिर भी हम उसे गंभीरता से नहीं लेते। इस को ध्यान से अपने अगले ब्लॉक मे सविस्तर से समज़ते है।
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सौजन्य - Aniel K Kumar Imprints (you tube)
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