दिमाग को समझो – UNDERSTAND THE MIND

The mind contains different things

दिमाग को समझो – UNDERSTAND THE MIND

 

दिमाग को समझो – UNDERSTAND THE MIND  इस ब्लॉग में हम जानेंगे की, हमारा दिमाग काम कैसे करता है? और इसके अनुसार सफलता हासिल करने के लिए हमे दिमाग के ऊपर कैसे काम करना पड़ेगा।

 

 

  • प्रस्तावना – PREFACE
  • दिमाग काम कैसे करता है? – HOW DOES THE MIND WORK?
  • दिमाग के ऊपर काम कैसे करे? – HOW TO WORK ON MIND?
  • दिमाग का एन्टी-वायरस  –  ANTI-VIRUS OF THE MIND
  • दिमाग पर नियंत्रण – MIND CONTROL

 

 

प्रस्तावना – PREFACE

सफलता – SUCCESS  हासिल करने के लिए हम लक्ष्य निर्धारित करते है लेकिन उसकी सुरुवात नहीं करते। अगर सुरुवात की तो उसे अधूरा छोड़ देते है। या फिर उस लक्ष्य के रस्ते से हम भटक जाते है। अंत में अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँचते और हमारा लक्ष्य जो है वो लक्ष्य ही रह जाता है।

आपको पता है, ऐसा क्यों होता है? यह सब आपके दिमाग का खेल (MIND GAME ) है, जिसे हम मन भी कह सकते है। कभी – कभी आप कहते है, मेरा आज काम करने का मन नहीं कर रहा।  ऐसा क्यों? क्योंकी यह मन ही है, जो आपको इधर – उधर भटका रहा है। इस मन को, दिमाग को समझना (UNDERSTAND THE MIND) पड़ेगा।

 

 

दिमाग काम कैसे करता है ? – HOW DOES THE MIND WORK?

दिमाग को समझने (UNDERSTAND THE MIND) के लिए दिमाग कैसे काम करता है ? इसे ध्यान से समझना पड़ेगा।  इस दिमाग का अपने लक्ष्य को पाने के लिए उपयोग कैसे किया जाए? अपने दिमाग की, अपने लक्ष्य के सफर में क्या भूमिका है? इसे समझने की कोशिश करते है।

हमारा दिमाग हमेशा काम से दूर भागने की कोशिश करता रहेगा। आपको हमेशा काम नहीं करने के बहाने बताते रहेगा। दिमाग उस तरफ ज्यादा भागता है, जहाँ ज्यादा मजा आता है।  ख़ुशी मिलती है, आंनद मिलता है। और बहुतांश लोगो का दिमाग ऐसे ही काम करता है। अगर आप को सच में सफलता (SUCCESS) हासिल करनी है। तो इस दिमाग को, अपने मन को काबू करना पड़ेगा।

यही दुनिया का सबसे कठिन काम है। यह एक लढ़ाई, युद्ध है। जो हमे अपने आप से करना पड़ेगा। इसे आप खुद से खूद की लढ़ाई भी कह सकते है। और इस लढाई को जितने के लिए हमे दिमाग के ऊपर काम करना पडेगा।

 

 

 

दिमाग के ऊपर काम कैसे करे? – HOW TO WORK ON MIND?

दिमाग को समझने (UNDERSTAND THE MIND)  के बाद हमे अपने दिमाग के ऊपर काम करना पड़ेगा। सबसे पहले दिमाग में जो भी कचरा है, उसे बाहर निकालना पड़ेगा। सब नकारात्मक विचार (Negative thoughts ) ,हमारे बहाने(Excuses) हमे दिमाग से बाहर फेकने  पड़ेगे।

दिमाग में जो वायरस(Virus ) है, उसे निकलना पड़ेगा। और उसकी जगह अपने दिमाग में अच्छे विचार, सकारात्मक सोच (Positive thoughts) डालनी होगी। और फिर दिमाग में नकारात्मक सोच, वारयस नहीं आने के लिए हमे एंटी -वायरस (Anti-virus) डालना होगा।

हमारे दिमाग में नकारात्मकता कहाँ से आती है। टी. वि. (television ), मोबाइल, घर का मौहोल, हमारे दोस्त, हम जहा काम करते है वहा  का मौहोल इत्यादि। यह सब नकारात्मकता आने के रास्ते है। लेकिन यही हमारी रोज की ज़िन्दगी है और इससे पीछा छूटना नामुमकिन है। तो चलिए, यहाँ रहकर ही इस दुविधा को सुविधा बनाने की कोशिश करते है।

टी. वि. में हम क्या देखते है। न्यूज़ ,सीरियल ,मूवीस और खेल इत्यादि। खेल तो अच्छे होते है।अगर आपका लक्ष्य कोई खेल के संबधित है,उसके लिये खेल देखना अच्छा है। न्यूज़ में तो ८० % न्यूज़ नकारात्मक होती है। लेकिन न्यूज़ भी देखना जरुरी है, जिससे हम समाज मे अद्यतन (updated) रहते है इसलिये सिर्फ १०-१५ मिनिट हैडलाइन देख सकते है।  १ घंटा न्यूज़ देखकर अपना समय क्यों ख़राब करे।

टी.वि पर सीरियल होते है, इसमें तो ज्यादातर झगड़े होते है। इसके जगह हम अच्छी फिल्म्स देख सकते है ,उदा. भाग मिल्खा भाग, दंगल, मेरी कॉम इ. इस तरह की फिल्मस जो हमारे दिमाग में सकारात्मकता भरे और हमारे लक्ष्य के प्रति हमे उत्साहित करे।

आपके दोस्त और आप जहाँ काम कर रहे हो, वहाँ १० प्रतिशत  लोग नकारात्मक होते है। ७० प्रतिशत लोंगो को आप से कोई मतलब नहीं होता है और बचे २० प्रतिशत लोग, वो आपके बारे में सच में अच्छा सोचते है। आपको आप जैसे है, वैसे स्वीकार करते है। इन्हीं २० प्रतिशत लोगो के बारे में ही सोचना है, ना की उन १० प्रतिशत नकारात्मक लोगो के बारे मे सोचना है। लेकिन ज्यादातर लोग इसका उल्टा करते है।

मोबाईल, इंटरनेट और सोशल मिडिया इनकी तुलना आप आग से कर सकते है। जैसे आग हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है ,क्योकि इसका उपयोग करके हम खाना बनाते है। लेकिन हम ने अगर लापरवाही दिखाई तो घर जल सकता है और कोई भी दुर्घटना हो सकती है। वैसे ही मोबाईल, इंटरनेट, सोशल मिडिया यह भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है। लेकिन इसका हमे हो सके उतना अच्छा उपयोग करना है। अगर हमने थोड़ी भी लापरवाही दिखाई तो हमारा जीवन जल सकता है। और हमे पता भी नहीं चलेगा।

 

 

दिमाग का एन्टी-वायरस  –  ANTI-VIRUS OF THE MIND

संगणक में जैसे वायरस नहीं आने के लिए एंटी – वायरस डाला जाता है। वैसे ही हमारे दिमाग को एंटी -वायरस की जरुरत है। संगणक की एंटी-वायरस की वैधता कम से कम एक साल की होती है लेकिन हमारे दिमाग की एंटी-वायरस की वैधता केवल १ दिन की होती है। इसे फिरसे चालू करने के लिए हमे १० मिनिट ध्यान (Meditation) करना होगा।

अगर आपको ध्यान करना नहीं आता या आप से ध्यान नहीं होता, तो आप सोने से पहले १० से १५ मिनिट प्रेरक बुक (MOTIVATIONAL BOOK) पढ़े। या अपने लक्ष्य के अनुसार मोटिवेशनल वीडियो देखे। जिससे आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिस मार्ग पर चल रहे हो उस सफर मे उत्साहित रहे।

सोने से पहले १० से १५ मिनिट प्रेरक बुक (MOTIVATIONAL BOOK) पढ़े, या अपने लक्ष्य के अनुसार मोटिवेशनल वीडियो देखे।इसके पीछे यह उद्देश्य है की, रात को ऐसा करने से सोने के बाद हमारा अचेतन मन (Subconscious Mind)उस पर काम करता है। कम से कम १० मिनिट ध्यान करना बेहतर होगा। और दोनों कर सकते हो तो बहुत ही अच्छा रहेगा।

आपको मालूम नहीं है, ध्यान क्या है? ध्यान कैसे किया जाता है? ध्यान के फायदे क्या है? इसके लिए आप “सफलता के लिए ध्यान जरुरी है” इस ब्लॉक में सविस्तर मे पढ़े और सीख ले, जिससे आपके मन में कोई संदेह नहीं रहेगा की लक्ष्य को हासील करने के लिए ध्यान क्यों जरुरी है।

 

दिमाग पर नियंत्रण – MIND CONTROL

सफलता कैसे हासिल करे?  इस ब्लॉग में सफलता की दूसरी परिभाषा के अनुसार हमे अपने लक्ष्य को निर्धारित समय और योजनाओं से अपने दिमाग पर नियंत्रण (MIND CONTROL) लाना पड़ेगा। लक्ष्य हासिल करने के सुरुवाती दिनों में हमारा दिमाग लक्ष्य से दूर भागने की कोशिश करेगा, उसके लिए सिर्फ सुरुवात करना जरुरी है। दिमाग को समझो, अपने मन को समझाओ के  सब आसान है, सब हो जाएगा। 

अपने दिमाग को खाली नहीं रहने देना है। कुछ न कुछ करो अगर अपने दिमाग को खाली रखोगे ,उसे आराम दोगे तो वह अपने आप गलत मार्ग पर निकल पाडेगा। इसप्रकार हमे अपने मन और दिमाग का ख्याल रखना है।  क्योकि,

MIND WINNER IS THE WORLD WINNER.

 

आशा करता हु ,आपको मेरा ब्लॉग दिमाग को समझो (Understand The Mind) पसंद आया रहेगा।अब बात करते है अगले ब्लॉक की,अपने देश में खेल की क्या वास्तविकता है। खेल के प्रति हमारी जो मानसिकता है, उसे कैसे बदला जा सकता है? इसके ऊपर अगले ब्लॉक खेल में कामयाबी  मे सविस्तार मे जानेंगे।

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२) जैसा मनुष्य सोचता है – हिंदी 

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३) Brain Rules -English 

 

सौजन्य - संदीप माहेश्वरी (you tube)

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