खेल में कामयाबी | SPORTS SUCCESS

 

खेल में कामयाबी – SPORTS SUCCESS

खेल में कामयाबी – SPORTS SUCCESS  इस ब्लॉग में जानेंगे। अपने देश में खेल की क्या वास्तविकता है। खेल के प्रति हमारी जो मानसिकता है, उसे कैसे बदला जा सकता है?

 

  • प्रस्तावना – PREFACE
  • देश में खेल की वास्तविकता – REALITY OF SPORTS IN OUR COUNTRY
  • खेल में जागरूकता – AWARENESS IN SPORTS
  • खिलाड़ीओ  की आम समस्या – COMMON PROBLEM OF PLAYERS
  • खेल में कामयाबी का सूत्र – FORMULA OF SUCCESS IN SPORTS

 

 

प्रस्तावना – PREFACE

जीवन में कामयाबी पाने के लिए बहुत से प्रेरक भाषण (MOTIVATIONAL SPEAKS ) होते है। बहुत सी पुस्तके, ब्लॉग लिखे गए है। लेकिन खेल में कामयाबी  (SPORTS SUCCESS) इस विषय में कम बोला जाता है। कम लिखा जाता है और मेरे भारत देश में इसका प्रमाण बहुत ही कम है। लेकिन, खेल अपना जीवन का लक्ष्य बना कर कामयाबी हासिल की जा सकती है।

 

 

देश में खेल की वास्तविकता – REALITY OF SPORTS IN OUR COUNTRY

वास्तविकता में देखा जाये, तो खेल खेलने में मजा आता है और इससे हम शारीरिक रूप से सक्षम (PHYSICALLY FIT) भी रहते है। लेकिन, फिर भी अपने देश में खेलों को कामयाबी का लक्ष्य नहीं बनाया जाता। अपने देश में बहुतांश लोग खेल को अपने जीवन में दुय्यम दर्जा देते है।

शायद इसीलिए विश्व की सभी देशो में से दूसरे स्थान की सबसे ज्यादा लोकसंख्या होने के बावजूद, ओलिंपिक (olympic) जैसे विश्वस्तरीय खेलो में हमारा देश बहुत कम ओलिंपिक पदक जीतता है। मुश्किल से दो या तीन पदक जीतता है। २०१२ के लंडन ओलिंपिक में ६ पदक जीते थे और उसके बाद टोकयो ओलिंपिक २०२० मे (जो कोरोना महामारी के वजह से २०२१ मे हुवा ) सबसे ज्यादा ७ पदक जीते।

अपने देश के इतिहास मे ओलिंपिक  पदक जितने वाले खिलाड़िओ की जीतनी भी प्रशंसा की जाए कम है।अपने देश में क्रिकेट छोड़ कर बाकि, सभी खेलो में जागरूकता (Awareness) की कमी है। संसाधन (Resources) की कमी, अच्छे कोच की कमी और खेल के प्रति विपरीत वातावरण इत्यादी होने के वजह से खिलाड़िओ को बहुत कठिन परिश्रम करना पडता है। इन विपरीत परिस्थिती के बावजूद भारत के लिए ओलिंपिक में पदक जितना प्रशंषनीय है।

 

 

खेल में जागरूकता – AWARENESS IN SPORTS

देश में खेल की जो परिस्थिति है। वह एक मानसिकता है, इस मानसिकता को बदलना होगा।खेल में कामयाबी  (SPORTS SUCCESS) हासिल करने के लिए खेलो के प्रति जागरूकता निर्माण करनी होगी। इसलिए हमारे बच्चे, भाई -बहन और दोस्त अगर सच में किसी खेल में अच्छे है। तो उन्हें उस खेल में आगे बढ़ने के लिए सहयोग करना चाहिए। जिससे की आने वाले दिनों में अपना भारत देश हर क्षेत्र में परिपूर्ण हो जाए।

 

 

खिलाड़ीओ  की आम समस्या – COMMON PROBLEM OF PLAYERS

कभी -कभी खिलाडी अपने खेल के एक स्तर पे आकर रुक जाते है। आगे बढ़ते नहीं ,उनके खेल में कोई सुधार नहीं होता। ऐसे परिस्थिति में आपको आप से ऊपर के स्तर पर खेलने वाले खिलाड़िओ के साथ और आपसे अच्छे खेलने वाले खिलाड़िओ के साथ खेलने का मौका ढूंढना चाहिए। या उस खेल से संबधित कोच से सलाह लेनी चाहिए।

कभी-कभी खिलाडी बहुत अच्छा प्रदर्शन करते है। लेकिन,उसको बरक़रार नहीं रख पाते। ८ घंटे, १० घंटे मैदान में अभ्यास (practice) करने के बाद भी जैसा चाहिए, वैसा प्रदर्शन (Performance) नहीं कर पाते। उस परिस्थिति में बिल्कूल भी निराश नहीं होना है, खुद पर विश्वास रखना (believe in yourself ) है। लोगो के बारे में बिलकुल भी नहीं सोचना है। मन को शांत रखना है। और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देना है।

 

खेल में कामयाबी का सूत्र – FORMULA OF SUCCESS IN SPORTS

अपने जीवन में एक आदत डालनी होगी। रात को सोने से पहले १ से २ घंटे आपके खेल से संबधित इंटरनेट पर सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले वीडियो देखना है। और यह रोज देखना है। धीरे-धीरे आपको अपने खेल में अच्छे बदलाव दिखने लगेंगे।

आप फुटबॉल के खिलाडी है ,तो फुटबॉल के अच्छे प्रदर्शन वाले वीडियो देखो। आप कबड्डी खेलते है, तो उसके अच्छे प्रदर्शन वाले वीडियो देखो। और आप क्रिकेट में गेंदबाजी करते है, तो अच्छी गेंदबाजी के प्रदर्शन वाले वीडियो देखो, बल्लेबाज हो तो अच्छे बल्लेबाजी के वीडियो देखो।

इसके पीछे यह उद्देश्य है की,आप जब ऐसा करते है। तो आप अपने दिमाग को प्रशिक्षण (training ) देते है। अब जरा ध्यान से समझना , बहुत बार ऐसा होता है। खेल में कुछ ऐसी परिस्थिति निर्माण होती है , आपको कुछ मिलीसेकंड के अंदर कार्यवाही (action) करनी पड़ती है। इसमें सोचना तो दूर की बात है।

इस स्थिति को सँभालने के लिए इन वीडियो के जरिए दिमाग को ट्रेनिंग देनी पडती है। क्योकि मिलीसेकंड के अंदर आपका दिमाग सोच नहीं सकता। आपने अपने दिमाग को वीडियो के जरिए जो पिक्चर दिखाई है ,उसके अनुसार बिना सोचे अपने आप दिमाग कार्यवाही (action) करता है।

दूसरा कारन यह है की ,रात को सोने से पहले ही क्यों अच्छें खेलों के विडीओ देखना है। क्योकि सोने के पहले वीडियो देखेंगे तो सोने के बाद अपना अवचेतन मन (SUBCONSCIOUS MIND) उस पर काम करता है।

आप दिन में घंटो मैदान में अभ्यास (practice ) करके शारीरिक रूप से बेहतर हो रहे है और रात में अपने खेल से संबधित अच्छे वीडियो देखकर मानसिक रूप से बेहतर हो रहे है। और इसका सकारात्मक परिणाम आपके खेल में जरूर दिखेगा। अभी आप शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से खेल खेलने के लिए फिट है।

सफलता हासिल करने के लिए डर को काबू करना जरुरी है। इसलिए अगले ब्लॉग “डर का सामना कैसे करे ?” इस मे सविस्तर जानेंगे।

 

 

 

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